सोमवार, 5 जून 2023

ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः, अद्य ब्रह्मणोऽह्नि द्वितीयपरार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरेऽष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे जम्बूद्वीपे भरतखण्डे भारतवर्षे स्थाने.... नामसंवत्सरे. ऋतौ " मासे. • पक्षे.... तिथौ .... दिने प्रातःकाले.... गोत्रः, शर्मा (वर्मा, गुप्तः) अहं हास्तनसूर्योदयादारभ्य अद्यतनसूर्योदयपर्यन्तं श्वासक्रियया भगवता कारितं 'अजपागायत्रीजपकर्म' भगवते समर्पये । ॐ तत्सत् श्रीब्रह्मार्पणमस्तु ।

 


अजपाजप

मानव-शरीर अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और दुर्लभ है। यदि शास्त्रके अनुसार इसका उपयोग किया जाय तो मनुष्य ब्रह्मको भी प्राप्त कर सकता है। इसके लिये शास्त्रों में बहुत-से साधन बतलाये गये हैं। उनमें सबसे सुगम साधन है. -'अजपाजप'। इस साधनसे पता चलता है कि जीवपर भगवान्‌की कितनी असीम अनुकम्पा है। अजपाजपका संकल्प कर लेनेपर चौबीस घंटोंमें एक क्षण भी व्यर्थ नहीं हो पाता - चाहे हम जागते हों, स्वप्नमें हों या सुषुप्तिमें हों, प्रत्येक स्थितिमें 'हंसः का जप श्वास- क्रियाद्वारा अनायास होता ही रहता है। संकल्प कर देनेसे मनुष्य द्वारा किया हुआ माना जाता है।

(क) किये हुए अजपाजपके समर्पणका संकल्प - 'ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः, अद्य ब्रह्मणोऽह्नि द्वितीयपरार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरेऽष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे जम्बूद्वीपे भरतखण्डे भारतवर्षे स्थाने.... नामसंवत्सरे. ऋतौ " मासे. • पक्षे.... तिथौ .... दिने प्रातःकाले.... गोत्रः, शर्मा (वर्मा, गुप्तः) अहं हास्तनसूर्योदयादारभ्य अद्यतनसूर्योदयपर्यन्तं श्वासक्रियया भगवता कारितं 'अजपागायत्रीजपकर्म' भगवते समर्पये । ॐ तत्सत् श्रीब्रह्मार्पणमस्तु ।

(ख) आज किये जाने वाले अजपाजप का संकल्प -किये गये अजपाजप को भगवान्‌ को अर्पित कर आज सूर्योदय से लेकर कल सूर्योदय तक होने वाले अजपाजप का संकल्प करे– 'ॐ विष्णुः' से प्रारम्भ कर....'अहं' तक बोलने के बाद आगे कहे- अद्य सूर्योदयादारभ्य श्वस्तनसूर्योदयपर्यन्तं षट्शताधिकैकविंशतिसहस्र- (२१६००) संख्याकोच्छ्वासनिः श्वासाभ्यां (हंसं सोहंरूपाभ्यां गणेशब्रह्मविष्णुमहेशजीवात्मपरमात्मगुरुप्रीत्यर्थमजपागायत्रीजपं करिष्ये

इसके बाद भगवन्नामों का कीर्तन करे। तदनन्तर नीचे लिखे श्लोकों का पाठ करे।

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